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अब अगर कोई नोटरी विवाह और तलाक करवाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त होगा. केंद्र के कानून और न्याय मंत्रालय ने साफ किया है की नोटरी अधिनियम 1952 की धारा 8 और नोटरी नियम 1956 के नियम 11 में साफ लिखा है की नोटरी शादी – विवाह तलाक का काम नहीं कर सकता. 10 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा जारी सर्कुलर में नोटरी को विवाह अधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है.अब देश में कहीं भी नोटरी के से कराई गई शादी विवाह विच्छेद तलाक मान्य नहीं होंगे. हाई कोर्ट की इंदौर बेंच और उड़ीसा हाई कोर्ट ने नोटरी द्वारा कराई गई शादियों को शून्य घोषित किया था. नोटरी पर पाबंदी लगाते हुए केंद्र ने 10 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें नोटरी के द्वारा शादी तलाक करने पर लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई करने की बात कही गई है.
