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सागर: वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद्, भारत सरकार, नई दिल्ली, द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी चिकित्सकीय लाभों के लिए ग्लाइकोसिलेटेड नैनो केरियर्स विषय पर ज्ञानवीर कॉलेज ऑफ फार्मेसी में सम्पन्न हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता आदित्य सिंह राजपूत ने की उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ जीवन पर अनुसंधान आज की महती आवश्यकता है। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि डॉ. ममता तिमोरी ने संस्था की तारीफ करते हुए कहा कि कैंसर जिस तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में इस विषय को चुनना एक सार्थक अनुसंधान को दिशा देता है। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय से डॉ. के.बी. जोशी ने अपने उद्बोधन में बताया कि पेप्टाइड आधारित सुपरमॉलिक्युलर सेल्फ असेम्बलिंग नैनो मैटेरियल, कैंसर थेरोनॉस्टिक व क्लिनिकल ट्रांसलेशन के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, यह न केवल दवा के विकास में बल्कि नैदानिक अनुप्रयोग की ओर एंटी कैंसर ननोसंचारित दवाओं को आगे बढाने के लिए एक नया साधन भी प्रदान करता है। डॉ. सशांक कुमार सिंह, वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक, आई.आई.आई.एम., जम्मू, ने अपने उद्बोधन में कहा कि इलाइकोसिलेटेड नैनोकेरियर कैंसर के उपचार एवं उसके निदान में बहुत अच्छे बायोमार्कर साबित हो सकते है। डॉ. सुशील गौर ने कैंसर के उपचार में नैनोटेक्नोलोजी की उपयोगिता के बारे में बताया। डॉ. सुशील काशव ने कहा कि यह संस्था अनुसंधान के क्षेत्र में निश्चित ही अपना एक अलग मुकाम हॉसिल करेगी। इसके अलावा डॉ. आलोक पाल जैन भोपाल, डॉ. राजेश पवार, भोपाल, डॉ. बृजेश तिवारी छतरपुर, डॉ. प्रतीक जैन, डॉ. युवराज दांगी, डॉ. वर्षा काशव, डॉ. विवेक जैन, डॉ. हर्षिता जैन, डॉ. दीपक कोष्ठी आदि ने विचार प्रस्तुत किये। संगोष्ठी के उद्देश्य डॉ. आशीष जैन ने प्रस्तुत किए, संस्थागत प्रतिवेदन मनीष जैन ने, संगोष्ठी का संचालन डॉ. पूर्वा जैन ने किया। आभार योगेश तिवारी ने माना, तकनीकी प्रभार भरत विश्वकर्मा एवं हेमराज पटैल ने संभाला। इस अवसर पर समस्त स्टाफ, विभिन्न स्थानों एवं संस्थाओं के शोधार्थी एवं विद्यार्थी संगोष्ठी में शामिल हुए।



