Click here :- To watch YouTube Videos

मन में अहंकार नहीं संस्कार पालो। जिनके चित्त की चोरी हो जाती है उनकी दशा-दिशा बदल जाती है। भारतीय संस्कृति के उपासक हमेशा बने रहें। आध्यात्म ही एक ऐसा उपाय है जिसमें कितनी भी विपरीत परिस्थिति आ जाए व्यक्ति भागता नहीं है, जो डटा रहता है वही आगे बढ़ता है। बच्चों को अंग्रेजी पढ़ने दो लेकिन उसके अंदर संस्कृति की शिक्षा भी दो। उन्हें त्योहारों पर धोती-कुर्ता पहनाओ। 40 करोड़ हिंदू अगर रोज मस्तिष्क पर तिलक लगाने लगेगा, उस दिन यह राष्ट्र हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। लेकिन हिंदू सो रहा है। इसलिए पत्थर खाकर रो रहा है। यदि आप चाहते हैं कि अापके बच्चों पर कोई टिप्पणी नहीं करे तो उन्हें रामायण व रामचरित मानस पढ़ाओ। विद्या अध्ययन भी चलने दो। रोज पांच पाठ और पांच दोहे पढ़ाना शुरू कर दो। एक साल में बच्चे में बदलाव आ जाएगा। संसार के सभी सवालों के जवाब रामचरित मानस में हैं। आजकल बच्चे सुबह 10 बजे उठते हैं। सुबह 6 बजे तक बच्चों को जगाओ। कुछ समय कीर्तन, पढ़ाई तथा नित्य काम कराओ। स्कूल से लौटें तो जयश्री राम का संबोधन करो। यदि संस्कृति सुधर गई तो पीढ़ी ही नहीं भारत सुधर जाएगा। परमात्मा से प्रेम जब अनंत हो जाता है तो रोम-रोम हमारा संत हो जाता है। भगवान राम को केवल प्रेम प्रिय है। राजा पारीक्षित का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि संत का क्षण और अन्न का कण व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
