न्यायलय के आदेश की अवहेलना करने पर सागर की मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सिविल सर्जन के खिलाफ़ हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

डॉ ममता तिमोरी, डॉ ज्योति चौहान एवं धर्मवीर सेंगर को नोटिस जारी

हाईकोर्ट के स्थागन आदेश के बाबजूद सफाई कर्मियों को सेवा पृथक किया, ममता तिमोरी तथा ज्योति चौहान ने!

सफाई कर्मियों को धमकाकर कहा गया था मेरे खिलाफ हाईकोर्ट जाने के हिम्मत कैसे आयी तुम लोगों में देखती हूँ !

जबलपुर . जिला चिकत्सालय सागर में विगत 15 वर्षों से दैनिक वेतन पर कार्यरत सफाई कर्मियों द्वारा श्रम न्यायलय सागर में क्लासिफिकेशन हेतु 10 सफाई कर्मियों ने मुकदमा दायर किया गया था . श्रम न्यायलय के स्थगन आदेश की परवाह किये बिना याचिकाकर्ताओं की सेवाएं सीएमओ द्वारा अवैधनिक रूप से बिना उनकी जानकारी के आउट सोर्सिंग कम्पनी को दे दी गईं. तब सभी सफाई कर्मियों द्वारा उक्त आदेश की वैधानिकता को अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट मे याचिका क्रमांक 24692/2022 दायर कर चुनौती दी गई . याचिका की प्रारंभिक सुनवाई दिनांक 07/11/2022 को हाईकोर्ट द्वारा समस्त याचिकाकर्ताओं की सेवाएं यथा स्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश पारित किया गया तथा प्रमुख सचिव स्वस्थ विभाग सहित समस्त अनावेदकों को नोटिस जारी करने का आदेश पारित किया गया ! जैसे ही मुख्य चिकत्सा अधिकारी तथा सिविल सर्जन को हाईकोर्ट का नोटिस मिला उन्होंने तत्काल सफाई कर्मियों को आपने ऑफिस में बुलाकर उनकी सेवाएं मौखिक रूप से समाप्त कर दी तथा मुख्य चिकत्सा अधिकारी द्वारा आपने सामने दो सफाई कर्मियों की ठेकेदार धर्मवीर से पिटाई भी कराई गई तथा कहा गया की इस प्रकार के स्टे आदेश बहुत देखे है जो कर सकते हो कर लेना.तब समस्त सफाईकर्मियों द्वारा सिविल लाइन थाने में लिखित में शिकाएत की गई जिसे थाना प्रभारी ने लेने से साफ मना कर दिया तथा सफाई कर्मियों को सिविल लाइन थाना प्रभारी श्री ठाकुर ने डाट कर भगा दिया.तब सफाई कर्मियों द्वारा उक्त लिखित शिकायत रेलवे RSMS द्वारा रजिस्ट्री की गई ! इसके बाद समस्त सफाई कर्मियों द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से समस्त अनावेदकों के विरूध न्यायलय के आदेश की अवहेलना करने का आरोपी बनाकर अवमानना याचिका क्रमांक CONC /465/2023 दाखिल की गई . उक्त अवमानना याचिका की दिनांक 22/2/23 को जस्टिस नंदिता दुबे की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई न्यायलय द्वारा प्रथम दृष्टि मे मामला गंभीरता से लेकर उक्त अवमानना याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य चिकत्सा अधिकारी ममता तिमोरी, सिविल सर्जन श्रीमति ज्योति चौहान तथा आउट सोर्सिंग कम्पनी का ठेकेदार धर्मवीर सेंगर को शोकाज नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है तथा तीन सप्ताह के अंदर जबाब चाहा गया है . याचिका कर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर तथा अंजनी कुमार ने की .

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